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पोटिया शैलाश्रय धरमजयगढ़

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रायगढ़ से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर धरमजयगढ़ मार्ग पर मुख्य सड़क स्थित ग्राम आमापाली ग्राम से 5 किलोमीटर अंदर जाने पर है ग्राम पोटिया जहाँ पर हजारों वर्ष पूर्व आदिम मनुष्यों के द्वारा बनाये गए शैलचित्र एक गुफा में पाये गए हैं इस गुफा को राबकोब गुफा के नाम से भी जाना जाता है।                                                            नीरज तेलंग

देऊर मंदिर महारानीपुर सरगुजा

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सीतापुर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, 11वीं से 13वीं शताब्दि के इस मंदिर के गर्भगृह में प्राचीन शिवलिंग स्थापित नही है, मंदिर की बनावट अद्भुद है तथा मंदिर के आसपास अन्य प्राचीन मंदिर के भी अवशेष बखरे हुए दिखाई पड़ जाएंगे।                                                            नीरज तेलंग

बिंजकोट वाटरफॉल

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रायगढ़ शहर से लगभग दस से बारह किलोमीटर एकताल रोड पर बिंजकोट नामक ग्राम के पास मुख्य सड़क से लगभग दो किलोमीटर अंदर जंगल में स्थित है बिंजकोट वाटरफॉल। यह एक बरसाती झड़ना है इसकी सुंदरता केवल बरसात के दिनों में ही देखी जा सकती है जब पानी का फ्लो अधिक होता है। छोटा सा वाटरफॉल होने के बाद भी घने जंगल और खड़े पहाड़ के कारण यह स्थान बहुत ही सुंदर दिखाई पड़ता है इस कारण एक अच्छा पिकनिक स्पॉट हो सकता है।                                                        नीरज तेलंग                  

बेनिपाठ शैलाश्रय

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रायगढ़ से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों के मध्य भैसगढ़ी नामक ग्राम में स्थित है बेनिपाठ शैलाश्रय। माँ बेनिपाठ के नाम से प्रसिद्ध इस स्थान पर देवी माँ की बहुत ही सुंदर मूर्ति स्थापित है। स्थानीय लोगों के अनुसार नवरात्रि के समय यहाँ पर धार्मिक आयोजन भी होता है। इस स्थान पर विशाल आकृति के कुछ बहुत सुंदर पत्थर हैं जिन्हें देख कर प्रतीत होता है कि ये प्राकृतिक नही है जबकि इस स्थान पर हजारों वर्ष पूर्व भी मनुष्य निवास करते थे। बेनिपाठ के शैलाश्रय में कुछ शैलचित्र भी दिखाई पड़ते हैं जो कि बहुत ही सुंदर है। इस स्थान की सुंदरता अद्भुद है।                                                         नीरज तेलंग

कबरा पहाड़ शैलाश्रय

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रायगढ़ से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम विश्वनाथपाली के समीप स्थित है कबरा पहाड़ का शैलाश्रय। लगभग 2000 फुट की ऊँचाई पर स्थित शैलाश्रय में अदिमकालीन मनुष्यों के द्वारा निर्मित शैलचित्र देखा जा सकता है। पथरीली दुर्गम चढ़ाई को पार कर यहाँ पहुँचा जा सकता है। ऊपर में एक चबूतरेनुमा स्थान है जिसकी चट्टानों पर ही शैलचित्र देखे जा सकते हैं। बहुत से चित्रों को यहाँ पर पहुँचने वाले लोगों के द्वारा छति पहुँचाई गई है और उनके ऊपर कुछ कुछ लिख दिया गया है।                                              नीरज तेलंग

दाही बोरा नरवा झरना

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रायगढ़ से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर परसदा गांव के पास स्थित है यह झरना। रायगढ़ बिलासपुर मुख्यमार्ग पर पहाड़ के ऊपर बहुत ही ऊँचाई से गिरता हुआ यह बहुत ही सुंदर झरना है, कई चरणों पर अलग-अलग ऊँचाई पर अलग झरना बनाते हुए ऊँची पहाड़ी से पानी नीचे आता है जो कि बहुत सुंदर दिखाई पड़ता है।                                                नीरज तेलंग                      

रनईदरहा झरना रायगढ़

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रायगढ़ से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर गेरवानी के पास एक ग्राम है देलारी जिसके पास ही है रनईदरहा झरना। इस झरने तक पहुँचने का कोई मार्ग नही है लगभग 1 किलोमीटर तक पथरीले नाले पर चलकर जाना पड़ता है। घने जंगलों के बीच मे स्थित है यह बहुत ही सुंदर झरना।                                                नीरज तेलंग